hindisamay head


अ+ अ-

कविता

गया पुराना साल

अमरसिंह रमण


गया पुराना साल, नए की करें तैयारी।
गया हुआ जो बीता, उससे अब क्‍या यारी।

नए साल में
नई शान हो
नए अरमान
और नई पहचान हो
नया-नया हो सबकुछ तेरा
जैसे फूलों की क्‍यारी
गया पुराना साल, नए की करें तैयारी
गया हुआ जो बीता, उससे अब क्‍या यारी।

नए साल में
नया ढंग हों
नई उमंग व
नई तरंग हो
नया-नया हो सबकुछ तेरा
और सबको लागे न्‍यारा
गया पुराना साल, नए की करें तैयारी
गया हुआ जो बीता, उससे अब क्‍या यारी।

नए साल में
नया विचार हो
नया उभार हो
नई पुकार
नया-नया हो सबकुछ तेरा देखे दुनिया सारी
गया पुराना साल, नए की करें तैयारी
गया हुआ जो बीता, उससे अब क्‍या यारी।

 


End Text   End Text    End Text